Friday, September 27, 2019

ग्रेटा थुनबेर्ग का UN में भाषण

ग्रेटा थुनबेर्ग


ये वो नाम है जो आजकल हम सबको चारो तरफ सुन ने को मिल रहा है | स्वीडन की  इस 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ने UN में अपने भाषण से लोगों को झकझोर दिया.


ग्रेटा ने अपने भाषण में कहा, "आपने हमारे सपने, हमारा बचपन अपने खोखले शब्दों से छीना. हालांकि, मैं अभी भी भाग्यशाली हूं. लेकिन लोग झेल रहे हैं, मर रहे हैं, पूरा ईको सिस्टम बर्बाद हो रहा है."

अपने संबोधन के दौरान ग्रेटा भावुक हो गई और कहा, "आपने हमें असफल कर दिया. युवा समझते हैं कि आपने हमें छला है. हम युवाओं की आंखें आप लोगों पर हैं और अगर आपने हमें फिर असफल किया तो हम आपको कभी माफ नहीं करेंगे."

लेकिन मुझे जो सबसे अजीब बात लगी वो इस लड़की का भाषण नहीं बल्कि कुछ और है ,...... 

सबसे पहले हम जान लेते है की आखिर  ग्रेटा थुनबेर्ग है कौन  

ग्रेटा का जन्म स्वीडन में जनवरी 2003 में हुआ था. उनकी मां ओपेरा गायिका और पिता अभिनेता हैं. ग्रेटा को इस साल नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया था.

 ग्रेटा थुनबेर्ग शुक्रवार को स्कूल नहीं जाती हैं 


ग्रेटा ने पिछले साल अगस्त से हर हफ्ते शुक्रवार के दिन स्कूल जाना छोड़ दिया था. उनका स्कूल स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट या फ्यूचर फॉर फ्राइडे कैंपेन पूरी दुनिया में मशहूर है. ग्रेटा हर शुक्रवार को स्वीडेन की राजधानी स्टॉकहोम में संसद के बाहर बैनर लेकर प्रदर्शन करतीं हैं. इसके जरिये वह नेताओं और आम लोगों से दुनिया बचाने की अपील करती हैं.

नवंबर 2018 के स्कूल स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट के उनके कैंपेन में 24 देशों के करीब 17 हजार छात्रों ने हिस्सा लिया. इसके बाद वह जलवायु परिवर्तन को लेकर बड़ी-बड़ी कांफ्रेस और आयोजनों में हिस्सा लेने लगीं. इसी साल अगस्त तक उनके कैंपेन में हिस्सा लेने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 36 लाख हो गई.

"ग्रेटा थनबर्ग को ‘राइट लाइवलीहुड अवॉर्ड’  या  वैकल्पिक नोबेल"  अवार्ड  काफी है .... ?


ग्रेटा थनबर्ग को बुधवार को ‘राइट लाइवलीहुड ‌अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया |  लेकिन अगर हमारे  लीडर्स कुछ ठोस प्रयास करे 'जलवायु परिवर्तन' की तरफ तो वो सही मायने में अवार्ड नहीं होगा ग्रेटा के लिए ..?
क्या आप ग्रेटा जैसे हज़ारो-लाखो बच्चो को सिर्फ प्रोत्साहन ही देके काम चलाना चाहते हो ?
किसी भी देश ने अब तक कोई बड़े फैसले नहीं लिए है 'जलवायु परिवर्तन' से बचने के लिए। 

क्या ग्रेटा का उद्देश्ये सिर्फ हमारे दिमाग थोड़ी देर के लिए सहानभूति पैदा करना है आने वाली पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य को लेकर  ?

अब आगे शायद बहुत से देश ग्रेटा को अपनी अपनी तरफ से सम्मानित भी करे। 
लेकिन हम सबको चाहिए की हम सिर्फ इस मासूम बच्ची की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इसको वो सब दे जिसके लिए ये सब शुरू हुआ था। 
ये केवल सरकारों की जिम्मेदारी नहीं है क्लाइमेट चेंज को रोकना। 
हमारी भी कुछ ज़िम्मेदारिया बनती है 

क्या है परिवर्तन?


जलवायु का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक अभी भी इस तर्क-वितर्क में उलझे हैं कि पृथ्वी किस दर से गर्म हो रही है तथा यह कितनी अधिक गर्म होगी। परन्तु वे इस बात से सहमत हैं कि वास्तव में पृथ्वी गर्म हो रही है।

उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि आज विश्व पिछले 2000 वर्षों के किसी भी समय की अपेक्षा ज्यादा गर्म है। 20वीं शताब्दी के दौरान वैश्विक तापमान लगभग 0.60C तक बढ़ा है।

क्या  किया जाना चाहिए ?

जीवाश्म ईंधनों के दहन से ग्लोबल वार्मिंग हो रही है और यह जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा दे रही है। इन ईंधनों का दहन ऊर्जा के लिये किया जाता है और हम भी ऊर्जा का प्रयोग करते हैं। आधुनिक जीवनशैली पूर्णतया ऊर्जा पर निर्भर है। प्रत्येक व्यक्ति ऊर्जा के उपयोग में कमी लाकर ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में सहायता कर सकता है। हालांकि यह कहने में जितना आसान है, करना उतना ही चुनौती भरा है।

आज वैश्विक स्तर पर यह माँग की जा रही है कि कार्बन उत्सर्जन को कम किया जाये। हम सभी जागरूक हों व ऐसी वस्तुओं के उपयोग को कम करके, कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

Box ग्लोबल वार्मिंग के लिये उत्तरदायी विभिन्न ग्रीनहाउस गैसों में से CO2 एक प्रमुख गैस है। कोयला, पेट्रोल, डीजल, हवाई जहाज कर ईंधन, प्राकृतिक गैस, एल.पी.जी. आदि का CO2 गैस के उत्सर्जन को बढ़ाने में बड़ा योगदान है। इन ईंधनों अथवा इन्हें प्रयुक्त कर तैयार होने वाले उत्पादों का प्रयोग करके हम कार्बन उत्सर्जन को बढ़ावा देते हैं।

यहाँ कुछ क्रियाकलापों की सूची दी गई है। छात्रों से इन्हें निम्न प्रकार से चिन्हित करने के लिये कहेंः

✓कार्बन नियंत्रकः ऐसी गतिविधियाँ जो कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में सहायक होती हैं।

✖️ कार्बन वर्धकः ऐसी गतिविधियाँ जो कार्बन उत्सर्जन में वृद्धि के लिये उत्तरदायी होती हैं।
1. साइकिल चलाना।
2. वृक्षों की कटाई।
3. इस्तेमाल के बाद फेंक दी जाने वाली वस्तुओं का अत्यधिक प्रयोग।
4. कम दूरी के लिये व्यक्तिगत वाहनों का प्रयोग।
5. पेड़ लगाना
6. जब भी औ जहाँ भी सम्भव हो बिजली के उपयोग में कमी लाना
7. सार्वजनिक यातायात साधनों का प्रयोग।
8. दिन के समय प्राकृतिक रोशनी का प्रयोग।
9. जब भी सम्भव हो पैदल चलना।
10. वर्षाजल का संचयन।
11. रोशनी के लिये सीएफएल बल्बों का प्रयोग करना।
12. रोशनी के लिये साधारण बल्बों का प्रयोग करना।
13. आवश्यकता न होने पर विद्युत उपकरणों जैसे कम्प्यूटर एवं म्यूजिक उपकरणों को ‘ऑन’ अथवा ‘स्टैंडबाय मोड’ पर रखना।
14. मौसमी एवं स्थानीय खाद्य पदार्थों का प्रयोग।
15. कूड़े को जलाना।
16. हमेशा कपड़े के थैले का प्रयोग करना।